tag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post8398436987337065459..comments2023-10-05T17:40:55.285+05:30Comments on अरे बिरादर !!: ‘ब्लॉग-साहित्य’ पर शोध की संभावना !!Unknownnoreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-58555420543669543502009-07-20T14:27:11.889+05:302009-07-20T14:27:11.889+05:30अच्छा लगा यह लेख पढ़कर! चिट्ठाचर्चा के पहले तमाम घट...अच्छा लगा यह लेख पढ़कर! चिट्ठाचर्चा के पहले तमाम घटनाओं का संकलन नारद (अक्षरग्राम) की चौपाल पर है। सबसे शुरुआती दिनों के दस्तावेज। उस समय जब टिप्पणी के लिये कट-पेस्ट तकनीक प्रयोग की जाती थी। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-15392909107690502402009-07-17T12:57:35.146+05:302009-07-17T12:57:35.146+05:30Abhi isi vishay par Surya Kumar pandey ji ki ek vy...Abhi isi vishay par Surya Kumar pandey ji ki ek vyangya rachna padh rahi thi. Ap bhi padhen is link par-<br />http://dakbabu.blogspot.com/2009/07/blog-post_15.htmlAkanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-29886901457833773672009-07-17T11:25:12.556+05:302009-07-17T11:25:12.556+05:30अच्छे सलीके से बात कही गयी है .जिससे पता चलता है क...अच्छे सलीके से बात कही गयी है .जिससे पता चलता है की लिखने वाला दोनों से भली भांति परिचित है...हम भी यही कह रहे है .जिन साहित्यकारों को मायूस की पेड़ ओर कम्पूटर की विधा की जानकारी नहीं .वे गरिया रहे है....जो समय के साथ चल रहे है वे धीरे धीरे इसकी ओर मुड रहे है .....जिस तरह जहर महीने निकलने वाली हर सहतियिक पत्रिका में छापा हर लेख अच्छा नहीं होता .....वैसे ही हर ब्लॉग गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता.....बकोल डॉ अमर कुमार ब्लॉग को आप टूल माने ...अपनी मन की बात कहने का....कुछ लोगो में ये गुण होता है...इस माध्यम का आप उपयोग कैसे करते है ये आप पर निर्भर है.....अब देखिये नेट पर पॉर्न साइट्स भी है .तो उनके चलते नेट को बुरा घोषित नहीं कर सकते ...ब्लॉग दरअसल संवाद का ऐसी चाभी है जिससे आप कही भी कभी भी निसंकोच जा सकते है.....<br />पर हाँ साहित्य की अपनी गरिमा है ओर अच्छा लिखने वालो को पढ़ पढ़ कर ही हम बड़े हुए है ओर आज तक सीख रहे है..किताबे जीवन का आधार हमेशा रही है ओर रहेगी....उनके योगदान को कोई नहीं नकार सकता ...हिंदी ने ऐसे ऐसे लेखको से ऐसी रचनाये निकलवाई है .जो अमर है......हमें दरअसल दोनों में सामंजस्य बिठाना होगा...एक दो लोगो के कुछ कहने से सारे साहित्य को गरियाना भी ठीक नहीं है....माना की ब्लॉग की एक पोस्ट की उम्र २४ घंटे ही है ...पर <br />वक़्त दीजिये ब्लॉग को भी देखिये भविष्य उज्जवल है ...... ..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-54430446697114665352009-07-16T18:30:53.084+05:302009-07-16T18:30:53.084+05:30Haan, 10-20 PhD to ho hi jaayengi.
-Zakir Ali ‘Raj...Haan, 10-20 PhD to ho hi jaayengi.<br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-73403340859097737872009-07-16T17:48:27.418+05:302009-07-16T17:48:27.418+05:30चलो आशाओ का दौर आ गया है ......ऐसा लगता है आपको पढ...चलो आशाओ का दौर आ गया है ......ऐसा लगता है आपको पढकर ......यह भी सही है की नेटपर आपको पढा तो जाता है ना........तसल्ली मिली.ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-78005682308141060952009-07-16T14:48:04.415+05:302009-07-16T14:48:04.415+05:30पूर्णतः सहमत हूँ आपसे......मुझे भी ऐसा ही कुछ लगता...पूर्णतः सहमत हूँ आपसे......मुझे भी ऐसा ही कुछ लगता है.....<br /><br />सशक्त सार्थक आलेख के लिए आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-81525083249646815322009-07-16T14:11:49.365+05:302009-07-16T14:11:49.365+05:30अरे वाह हमारे ब्लोग के इतिहास बनते ही ब्लाग साहित्...अरे वाह हमारे ब्लोग के इतिहास बनते ही ब्लाग साहित्य पर शोध करने की योजना बन गई.देखा है ना हम हर जगह नंबर एक पर ही ? क्यो समीर भाई ?arunhttp://cedcoating.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-31742889401176916252009-07-16T10:12:37.734+05:302009-07-16T10:12:37.734+05:30छत्तीसगढ मे तो इस पर पुलिस एकाध प्रायोजित कार्य्क्...छत्तीसगढ मे तो इस पर पुलिस एकाध प्रायोजित कार्य्क्रम भी बना देगी।उसने यंहा अभी हाल मे एक राजनैतिक दल के सम्मेलन की तरह साहित्य सम्मेलन कराया है।उसमे भी पुलिस ने ढो ढो कर साहित्यकार लाये थे्। उनसे तो ब्लाग के लोग एक नही कई गुना अच्छा लिख रहे हैं।उन पर शोध किया जा सकता है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-14083046401636114152009-07-16T09:40:16.754+05:302009-07-16T09:40:16.754+05:30बहुत अच्छे विचार प्रस्तुत करती विचारणीय पोस्ट...
...बहुत अच्छे विचार प्रस्तुत करती विचारणीय पोस्ट...<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-86977565001619763192009-07-16T08:54:34.000+05:302009-07-16T08:54:34.000+05:30ब्लॉग को ब्लॉग रहने दो.. कोई नाम ना दो..ब्लॉग को ब्लॉग रहने दो.. कोई नाम ना दो..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-28278542928138644792009-07-16T08:00:22.580+05:302009-07-16T08:00:22.580+05:30ब्लॉग साहित्य है या नहीं, इस पर काफी चर्चा हुई।...ब्लॉग साहित्य है या नहीं, इस पर काफी चर्चा हुई। मैं अपना मत यहॉं रखते हुए कहना चाहूँगा कि प्रिंट मीडिया की तरह ही ब्लॉग एक माध्यम भर है अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करने के लिए।<br />आपकी इस बात से एकदम सहमत हूँ । <br />बाकी शोध कार्य तो होगा ही इस पर, एक तुलनात्मक नई विधा जो है यह।<br />मेरे ब्लॉगपर टिप्पणी करने का और मेरी रचना को अपने लेख में स्थान देने का धन्यवाद ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-21855312979808559452009-07-16T05:21:53.344+05:302009-07-16T05:21:53.344+05:30... प्रभावशाली लेख, नये नाम की आवश्यता नहीं है, सा...... प्रभावशाली लेख, नये नाम की आवश्यता नहीं है, साहित्य अपने आप में प्रभावशाली है चाहे वह पुस्तक, समाचार पत्र, टेलिविजन, फिल्मी पर्दे या प्रभावशाली मंच पर ही क्यों न हो !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-7438192292104293272009-07-15T23:21:24.303+05:302009-07-15T23:21:24.303+05:30सच मै पुस्तके तो अलमारी मै पडी पडी सड रही है, हमार...सच मै पुस्तके तो अलमारी मै पडी पडी सड रही है, हमारे बाद शायद बच्चे उन्हे कुडॆ मै ही फ़ेंक दे, लेकिन जो ब्लांग पर आ गया उसे लोग जरुर पढते है यह हुयी बात.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-25592777582274297672009-07-15T22:15:42.851+05:302009-07-15T22:15:42.851+05:30शोध हेतु 'केन्द्रीय ब्लॉगर अनुसंधान संस्थान...शोध हेतु 'केन्द्रीय ब्लॉगर अनुसंधान संस्थान' में दाखिला लेने के लिये मेरे ब्लॉग पर आईये। वहाँ ब्लॉगरवाल जी से मिलिये। वो आपको आईडिया देंगे। <br /><br />ब्लॉग पता है - सफेद घर, माउस गली, कीबोर्ड चौक, इन्टेल - 4<br /><br />:)<br /> <br /> अच्छी विचारणीय पोस्ट।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-57136696723952468522009-07-15T19:28:43.358+05:302009-07-15T19:28:43.358+05:30कुछ भी है, लेकिन बढिया है.कुछ भी है, लेकिन बढिया है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-53247938702830762672009-07-15T18:55:01.232+05:302009-07-15T18:55:01.232+05:30नीलिमा चौहान ने वाकायदा सीएसडीएस फैलोशिप के तहत ब्...नीलिमा चौहान ने वाकायदा सीएसडीएस फैलोशिप के तहत ब्लॉग पर शोध किया है। रिसर्च का एक हिस्सा वाक् पत्रिका में प्रकाशित भी हुआ है। नीलिमा खुद भी ब्लॉग जगत का लिंकित मन नाम के ब्लॉग से इसके विभिन्न पहलुओं पर लिखती आयी है। हां साहित्य वाला मामला कुछ जरुर उत्साहवर्धक है। सचमुच इस पर काम करने की जरुरत हैं।विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-66296250254896901862009-07-15T18:33:52.976+05:302009-07-15T18:33:52.976+05:30जो ब्लाग पर है वो ही जीवित रहेगा, पुस्तकों का सा...जो ब्लाग पर है वो ही जीवित रहेगा, पुस्तकों का साहित्य तो किसी अल्मारी में बन्द होने वाला है। कभी-कभी मैं अपनी अल्मारियों को देखती हूँ जो किताबों से भरी हैं, मन में ख्याल आता है कि हमारे जाने के बाद ये सब रद्दी में ही जाने वाली हैं। कम्प्यूटर पर जो भी लिखा गया है वह कम से कम रहने वाला तो है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-9874101756225937422009-07-15T18:21:59.189+05:302009-07-15T18:21:59.189+05:30आशा देती है आपकी यह पोस्ट .:) लिखते चलो लिखते चलो ...आशा देती है आपकी यह पोस्ट .:) लिखते चलो लिखते चलो ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-53835449166287934202009-07-15T18:07:56.279+05:302009-07-15T18:07:56.279+05:30इस मुद्दे पर मैं भी ये सोच रहा था.. चिट्ठा चर्चा ज...इस मुद्दे पर मैं भी ये सोच रहा था.. चिट्ठा चर्चा जैसे मंच भविष्य के लिये महत्तवपुर्ण साबित होगें..<br /><br />अच्छा लिखा..<br /><br />@समीर जी<br />समीर और हतोत्साह?? समझ नहीं आया.. आप तो सबके लिये उत्साह लाते है..रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-48777421546822111132009-07-15T18:06:52.751+05:302009-07-15T18:06:52.751+05:30वाह, कुछ हो न हो, एक आध पी.एच.डी. ठेल सकते हैं लोग...वाह, कुछ हो न हो, एक आध पी.एच.डी. ठेल सकते हैं लोग! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-91793363096103767622009-07-15T18:06:42.519+05:302009-07-15T18:06:42.519+05:30मैं तो फिर से प्रकाशकों के च्रक्कर काटने वाली थी म...मैं तो फिर से प्रकाशकों के च्रक्कर काटने वाली थी मगर आब कुछ आशा होने लगी है कि चलो मरने के बाद ही सही ब्लाग मे लिखा कुछ तो साहित्य समझा ही जायेगा आभार और शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-1352792394557766652009-07-15T18:06:37.952+05:302009-07-15T18:06:37.952+05:30मैं तो फिर से प्रकाशकों के च्रक्कर काटने वाली थी म...मैं तो फिर से प्रकाशकों के च्रक्कर काटने वाली थी मगर आब कुछ आशा होने लगी है कि चलो मरने के बाद ही सही ब्लाग मे लिखा कुछ तो साहित्य समझा ही जायेगा आभार और शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-91677902284090013682009-07-15T17:39:48.069+05:302009-07-15T17:39:48.069+05:30आपको पढ़कर बड़ी तसल्ली लग गई वरना तो हतोत्साह का चरम...आपको पढ़कर बड़ी तसल्ली लग गई वरना तो हतोत्साह का चरम आ ही रहा था, समझिये. आभार मित्र.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-48448175753390720322009-07-15T17:39:03.558+05:302009-07-15T17:39:03.558+05:30अगर सबको एक एक नाम सुझाना जरूरी हो तो मैं साहिलॉग ...अगर सबको एक एक नाम सुझाना जरूरी हो तो मैं <b>साहिलॉग</b> नाम सुझाऊँगा !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4337029721230821036.post-5713837806103065272009-07-15T16:24:47.295+05:302009-07-15T16:24:47.295+05:30ab huyi na koi baat.......har insaan mein sahityak...ab huyi na koi baat.......har insaan mein sahityakar chupa hota hai bas parkhi nazar ki jaroorat hoti hai.....to kabhi na kabhi blog-sahitya ko bhi manyata mil hi jayegi .....aapki koshishein kamyaab hon , yahi dua karte hain.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com