डिजलवाली इंडिका का इंतजाम हो चुका है। उसकी लाइट, ब्रेक,टायर आदि चेक करवाई जा रही है। विजय ने साफ-साफ कह दिया है कि खर्चा ज्यादा नहीं होना चाहिए! और ये भी कि पास के हिल स्टेशन पर जाना है और दो दिन में लौट आना है। मैंने कहा दो दिन में कुछ भी देखा नहीं जाएगा और इस बार नई जगह जाना है तो रहने-खाने का कुछ सिस्टम पता भी नहीं है। इसलिए न खर्चे की लिमिट बता सकता हूँ और न ही दिन की!
मिला-जुलाकर मैंने विजय और बाकी तीन और सहयात्रियों को सहमत करा लिया है कि सफर में दो नहीं चार-पॉंच दिन लग सकते हैं। 1 मई की सुबह चलेंगे और 5 मई की शाम तक दिल्ली वापस। विजय ने तीन सहयात्री इसलिए लिया है कि सफर का मजा चार गुना किया जा सके, साथ ही खर्चे पॉच हिस्से में बॉंटा जा सके। अब मैं ये नहीं बता सकता कि विजय के लिए इसमें पहला कारण महत्वपूर्ण है या दूसरा:)
डलहौजी,खज्जियार, धर्मशाला , मैक्लॉडगंज, मनाली की दूरी की वजह से और मसूरी शिमला, नैनीताल से बोर होने के बाद, और अनुराग जी के सुझाव पर इसबार लैंसडाउन जाने का रिस्क ले रहा हूँ:)
जब ऐसी जगह जाना होता है तो मैं सबसे पहले गूगल मैप (लिंक के लिए क्लिक करें) से रास्ते और दूरियाँ पता करता हूँ।
सफर का रूट:
क) दिल्ली-पानीपत-शामली-मुजफ्फरनगर- रूड़की- हरिद्वार
ऋषिकेश- देवप्रयाग- श्रीनगर
ख) श्रीनगर- खिरसू-पौड़ी-लैंसडाउन
ग) लैंसडाउन- दुगादा- कोटद्वारा-नजीबाबाद -बिजनौर- मवाना- मेरठ- दिल्ली
खाना खाते हुए मैं हमेशा ध्यान रखता हूँ कि सबसे स्वादिष्ट चीज अंत में खाउँ ताकि उसका स्वाद खाने के बाद भी बना रहे। इसी आधार पर अब मेरे मन में उलझन ये है कि मैं दिल्ली की ओर लौटते हुए ऋषिकेश-पानीपत की तरफ से आउँ या लैंसडाउन-मेरठ की तरफ से। मैंने अपने दोस्तों से पूछा कि वे पहले नदी की घाटियों से गुजरकर हिल स्टेशन जाना चाहेंगे या इससे ठीक उलटा रास्ता तय करेंगे। उन्होंने मेरे ऊपर छोड़ दिया है और अब यह जिम्मेदारी ही मेरी समस्या है। यदि सफर का रास्ता मजेदार नहीं रहा तो सब दिल्ली लौटकर मुझे गालियॉं देंगे:(
पौड़ी से एक रास्ता श्रीनगर की तरफ जाता है, पर मैंने एक और हॉल्ट तय किया है- खिरसू। सुना है वह भी एक सुंदर हिल स्टेशन है। अब वहॉं जाकर ही पता चलेगा कि वह जगह कैसी है?
लैंसडाउन की तरफ से खिरसू आना हो तो-
क) लैंसडाउन- गुमखल- सतपुली-बानाघाट-मोहर-पौड़ी
ख) पौड़ी- बाबूखल-फरकल-चौबाटा- खिरसू

गूगल अर्थ से मैंने पौड़ी- खिरसू-श्रीनगर का रूट-मैप तैयार करने और रास्ता तलाशने की कोशिश की, पता नहीं ये सही भी है या नहीं -
खिरसू-कोठसी-मारकोला-बुधानी
बुधानी से दो रूट नजर आया-
क) श्रीनगर हाइवे 58 पर
ख) सुमारी- खल्लू- चमरडा- खंडा- श्रीनगर

अभी ये सफर का ड्राफ्ट भर है। इसमें दर्शाए गए मार्ग की सत्यता मेरे द्वारा प्रमाणित नहीं है क्योंकि मैं एक तरफ ऋषिकेश तक गया हूँ, दूसरी तरफ मेरठ तक। मेरठ से लैंसडाउन तक और ऋषिकेश से श्रीनगर-पौड़ी-खिरसू तक के रास्ते के बारे में मुझे कुछ पता नहीं है। अगर इस रूट के बारे में आपको कुछ पता हो तो जरूर बताएँ- जैसे, सही रास्ता क्या है/ सड़कें कैसी हैं/ आसपास देखने की और कोई जगह/ रूकने और खाने की सही जगह। बाकी जब मैं उधर से लौटुँगा तब इस सफर के अनुभव और रास्ते की स्थिति का ब्योरा दूँगा।
तो बोलिए हैप्पी जर्नी:)