जिंदगी के अनुभव के दौरान कई सवाल पैदा होते हैं। एक ऐसा ही सवाल जेहन में आता है- ताकतवर-कमजोर और सही-गलत का युग्म क्या एक दूसरे के विरोधी हैं? जब मैं सही-गलत की बात सोचता हूँ तब डार्विन की बात याद आती है- वही जीवित रह पाता है जो ताकतवर है। इसका मतलब यह है कि संसार सिर्फ ताकतवर लोगों के लिए है। क्या यह सार्वभौम सिद्धांत है? अगर यह सही होता तो सामाजीकरण की प्रक्रिया में सही-गलत का कभी कोई सवाल उठाया ही नहीं गया होता ?
हम सभी ये जानते हैं कि आज प्राय: हर देश का एक संविधान है। वहॉं सही-गलत को ही आधार बनाकर सामाजिक संरचना नीर्मित की जाती है। नगर का ताकतवर समुदाय या व्यक्ति किसी कमजोर समुदाय या व्यक्ति को दबाने का प्रयास न करे, इसी चीज़ के लिए कानून-कायदे बनाए जाते हैं, यानी सभ्यता के क्रमिक विकास में इस बात पर जोर दिया गया कि ताकत को नियंत्रित करने के लिए सही-गलत को आधार बनाया जाए। इस आधार को नैतिक माना गया।
सिकंदर, नेपोलियन, हिटलर ने विश्व विजेता बनने के लिए कई देशों पर कब्जा किया, खून की नदियॉं बहाई, नगरों में घुस-घुसकर आम लोगों की नृशंस हत्याऍं कीं।
इन विजेताओं ने अपने नजरिए से यह सुनिश्चित किया कि सही क्या है। तो क्या ये मान लिया जाए कि सही-गलत का विचार एक वैयक्तिक विचार है, एक भावात्माक विचार है। और इस आधार पर यह तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि कौन ताकतवर है और कौन कमजोर मगर यह कभी सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि क्या गलत है और क्या सही। पता नहीं किसने कहा था- सत्य की हमेशा जीत होती है !!!!
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12 comments:
सही गलत की सबकी अपनी अपनी परिभाषायें होती हैं. जो एक के लिये सही है वो दुसरे के लिये गलत हो सकता है, बहुत सुंदर आलेख.
रामराम.
बहुत सुंदर लेख. धन्यवाद
Pair of opposites तो जीवन का हिस्सा है। एक के बिना दूसरे का अर्थ ही नहीं।
अच्छा विश्लेषण कर लिया !
सही कहा आपने। ये तो अपना अपना नजरिया ही है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
सब रिलेटिव है जी ! सत्य और असत्य भी.
जितेन्द़जी भगत!
बहुत सुंदर लेख. धन्यवाद
हार्दिक मगलभावनाओ सहीत
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
Sach likha hai......... har kisi ka apna apna nazariyaa hotaa hai aur sach ki paribhaasha bhi apni apni...
कहां चले जाते हो मित्र. सुन्दर लेख के लिये बधाई
बहुत सुन्दर लेख लिखा है दोस्त सबका अपना-अपना नजरिया होता है देखने का किसी के लिए सत्य किसी के लिए असत्य .
agar kisi ko kuchh galat lagtaa to galat nahi kartaa ,jo sahi lagataa hai wahi manushya kartaa hai!! ho saktaa hai dusre ki najar main galat ho!!
अंधेरा प्रकाश की और दुःख सुख की पहचान है.
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